Panchayat सीजन 3 Review: नए Dynamic Political Shades, Emotions Still सर्वोत्तम हैं
‘Panchayat Season 3’ में राजनीति का नया मोड़ देखने को मिलता है, लेकिन इसके बावजूद भावनाओं की गहराई बरकरार है। फुलेरा गांव में होने वाले चुनावों के बीच रिश्तों और मानवीय संवेदनाओं की जटिलता को बेहद संजीदगी से उकेरा गया है। प्रमुख किरदारों की दिल छू लेने वाली अदाकारी और ग्राम्य जीवन की सजीव प्रस्तुति शो को और भी खास बनाती है। खासकर प्रह्लाद के किरदार में फैसल मलिक का प्रदर्शन दर्शकों के दिलों को छू जाता है। नए सचिव के आगमन और अभिषेक की वापसी के साथ, कहानी में रोमांच और भी बढ़ जाता है, जिससे दर्शकों को अगले सीजन का बेसब्री से इंतजार रहेगा।
In Short
- ‘Panchayat Season 3’ का स्ट्रीमिंग 28 मई से प्राइम वीडियो पर शुरू हुआ
- राजनीति और भावनाएं आपस में जुड़ी हुई हैं, जिससे नई परतें जुड़ती हैं
- अभिषेक की फुलेरा में वापसी और बदलते रिश्ते दर्शकों को बांधे रखते हैं
Panchayat एपिसोड तीन की दिल छू लेने वाली कहानी
एपिसोड तीन में, जब फुलेरा के निवासी जगमोहन, प्रह्लाद से अनुरोध करते हैं कि वे उनकी जिद्दी दादी को सरकारी आवंटित घर के लिए परिवार से दूर न जाने के लिए मनाएं, तो प्रह्लाद उन्हें अपने घर बुलाते हैं। जब दादी उनके इरादों पर सवाल उठाती हैं, तो प्रह्लाद भावुक होकर जवाब देते हैं, “तुम्हें यह दिखाने के लिए कि खाली घर में रहने का क्या मतलब होता है। यह सबसे असहनीय दर्द है।” प्रह्लाद उन्हें अपने परिवार को “सोने” के बदले “ईंट और पत्थरों” के लिए न छोड़ने की सलाह देते हैं।
राजनीतिक संघर्ष और बढ़ता तनाव
नए सीजन में राजनीति का प्रमुख स्थान है, लेकिन भावनाएं इसके केंद्र में बनी रहती हैं। ‘कौन बनेगा अगला प्रधान?’ और ‘विधायक का अगला कदम क्या होगा?’ जैसे सवालों के साथ-साथ भूषण उर्फ बनराकस (दुर्गेश कुमार) और प्रधान बृज भूषण (रघुबीर यादव) के बीच बढ़ते तनाव से तीसरा सीजन ड्रामा और साज़िश को और बढ़ा देता है।
नए सचिव का आगमन और अभिषेक की वापसी
सीजन की शुरुआत नए Panchayat सचिव के आगमन से होती है। पिछली बार की तरह, न तो प्रह्लाद और न ही विकास नए सचिव का स्वागत मिठाई और पानी से करते हैं, जैसा कि उन्होंने अभिषेक के लिए किया था। प्रधान जी के पक्ष में परिस्थितियां बदलने के साथ, वे सफलतापूर्वक अभिषेक त्रिपाठी (जीतेन्द्र कुमार) की फुलेरा में वापसी कराते हैं। एक अचानक मोड़ से नए सचिव की विदाई होती है और Panchayat चुनावों के साथ अभिषेक की पुनः नियुक्ति होती है। हालांकि, इससे फुलेरा और विधायक चंद्रकिशोर सिंह (पंकज झा) के बीच के पहले से ही तनावपूर्ण संबंध और बिगड़ जाते हैं।
अभिषेक और रिंकी की प्रेम कहानी
अभिषेक खुद को फुलेरा की राजनीतिक पृष्ठभूमि में उलझता पाता है, जिससे उसकी और रिंकी (सांविका) की बढ़ती नजदीकियों को पीछे छोड़ दिया जाता है। जबकि उनकी प्रेम कहानी द्वितीयक भूमिका में रहती है, फकौली बाजार में उनके चोरी-छिपे रोमांटिक पल राजनीतिक उथल-पुथल के बीच मिठास का एहसास कराते हैं।
शानदार प्रदर्शन और शो की विशेषता
चंदन कुमार द्वारा लिखित और दीपक कुमार मिश्रा द्वारा निर्देशित, ‘Panchayat Season 3’ शो की हस्ताक्षर शैली को बनाए रखता है – बुद्धिमान लेखन, प्रासंगिक पात्र, और ग्रामीण जीवन की दिल को छू लेने वाली खोज। इस बार, वास्तविक दुनिया की घटनाओं, विशेष रूप से चुनावों के आसपास के राजनीतिक माहौल का समावेश, एक नया परत जोड़ता है। शो की धीमी गति कुछ दर्शकों के लिए सुस्त हो सकती है, लेकिन यह अपने मूल के प्रति वफादार रहता है।
मुख्य कलाकारों का दमदार अभिनय
शानदार कास्ट के प्रभावशाली प्रदर्शन ‘Panchayat ‘ का मुख्य आकर्षण हैं। जबकि अधिकांश पात्र अपने परिचित आकर्षण को बनाए रखते हैं, फैसल मलिक का प्रह्लाद का चित्रण सबसे अलग है, क्योंकि वह अपनी संवेदनशील अदाकारी से दिलों को छूते हैं। चंदन रॉय का विकास का किरदार भी घरेलू और पेशेवर जिम्मेदारियों को संभालते हुए प्रह्लाद के भावनात्मक सफर में उनका समर्थन करते हुए दिखता है।
अभिषेक का विकास और प्रधान जी की गहराई
जीतेन्द्र कुमार का अभिषेक अब पहले जैसा शहर का मासूम लड़का नहीं रहा। वह फुलेरा में एक नई सहजता और अपनापन दिखाता है। करियर के लक्ष्यों और गांव की राजनीति के साथ संघर्ष करते हुए हम उसके विकास की झलकियाँ देखते हैं। रघुबीर यादव, एक अनुभवी अभिनेता, फिर से प्रधान जी के रूप में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। इन तीन सीजनों में, हमने उन्हें अपने दोस्तों और परिवार के साथ झगड़ते देखा है, लेकिन उनकी पत्नी के कठोर शब्दों पर उनकी खामोश प्रतिक्रिया उनके गहरे दुख को बयां करती है।
मंजू देवी का आत्मविश्वास और रिंकी का रोमांस
नीना गुप्ता अपनी सजीली साड़ियों में जब भी स्क्रीन पर आती हैं, अपनी उपस्थिति से दर्शकों को मोहित कर लेती हैं। उन्हें Panchayat बैठकों में अपनी राय देते और सक्रिय रूप से भाग लेते देखना ताजगी भरा था। हालांकि, हम अभी भी निर्माताओं से एक ही शिकायत करते हैं – शो में उनका और अधिक हिस्सा देखना चाहते हैं। सांविका ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है, क्योंकि इस बार रिंकी प्रेम कहानी में पहल करती और रोमांस को आगे बढ़ाती है।
भविष्य की ओर इशारा
कुल मिलाकर, ‘Panchayat Season 3’ निराश नहीं करता। हालांकि, एक दिलचस्प अंत के साथ, सीजन 3 केवल चौथे सीजन के लिए एक अग्रदूत के रूप में काम करता है, जो दर्शकों के लिए और भी बड़े ड्रामा की ओर संकेत करता है। अंतिम दृश्य आपको ‘बागपत की लड़ाई’ की याद दिला सकता है लेकिन बिना आइंस्टीन चाचा के। (यहां कोई स्पॉइलर नहीं है
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