Eenadu के नेता Ramoji Rao (1936-2024): Iconic Media Mogul और Visionary Chairman का Remarkable Safar
Eenadu मीडिया संस्थानों के प्रमुख और प्रसिद्ध मीडिया मोगल रामोजी राव का निधन हो गया। दिल से संबंधित समस्याओं के चलते अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली, जैसा कि उनके परिवार के सदस्यों ने बताया। पिछले कुछ समय से वे उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। रामोजी राव द्वारा शुरू की गई Eenadu पत्रिका न केवल आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बल्कि पूरे देश में पत्रकारिता के क्षेत्र में नई दिशा स्थापित की। इसके अलावा, उन्होंने फिल्म जगत में भी कई सफल फिल्मों का निर्माण किया, जिसमें कम बजट में उच्च गुणवत्ता वाली फिल्में शामिल हैं।
मुख्य बिंदु
- कृष्णा जिले के पेदापारुपुड़ी में जन्मे रामोजी राव
- माता-पिता द्वारा दिया गया असली नाम रामय्या
- 1974 में शुरू हुई Eenadu दैनिक पत्रिका की यात्रा
रामोजी राव गूगल ट्रेंड्स में: Eenadu ग्रुप के चेयरमैन चेर्कुरी रामोजी राव का निधन
Eenadu ग्रुप के चेयरमैन और मीडिया मोगल रामोजी राव का निधन हो गया। दिल से संबंधित समस्याओं के चलते हैदराबाद के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी जानकारी प्राप्त करने के लिए आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पड़ोसी राज्यों के लोग बड़ी रुचि दिखा रहे हैं। इसी के चलते, रामोजी राव का नाम गूगल के शीर्ष ट्रेंड्स में शामिल हो गया है।
स्वास्थ्य समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती
रामोजी राव को सांस लेने में कठिनाई होने पर 5 जून को उनके परिवार के सदस्य उन्हें नानकरामगुड़ा के एक निजी अस्पताल में ले गए। डॉक्टरों ने उनकी जांच के बाद हृदय संबंधित समस्या का पता लगाकर स्टंट लगाया। दो दिनों से आईसीयू में भर्ती रामोजी राव की स्थिति शुक्रवार रात को गंभीर हो गई और शनिवार तड़के 4:50 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। पिछले कुछ समय से रामोजी राव उम्र संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। वर्तमान में उनकी आयु 88 वर्ष थी।
कृष्णा जिले के पेदापारुपुड़ी में जन्म
रामोजी राव का जन्म 18 नवंबर 1936 को कृष्णा जिले के पेदापारुपुड़ी में एक साधारण कृषि परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम वेंकटसुब्बम्मा और पिता का नाम वेंकट सुभ्बाराव था। उनके पूर्वज पामरु मंडल के पेरिशेपल्ली गांव के थे। उनके दादा रामय्या अपने परिवार के साथ पेरिशेपल्ली से पेदापारुपुड़ी आए थे। दादा के निधन के 13 दिन बाद रामोजी राव का जन्म हुआ, इसलिए उनके माता-पिता ने उन्हें रामय्या के नाम पर नामकरण किया। रामोजी राव की दो बड़ी बहनें थीं, जिनके नाम राज्यलक्ष्मी और रंगनायकम्मा थे।
धार्मिक और संस्कारी परिवेश
श्री वैष्णव परिवार से होने के कारण और माता की धार्मिक प्रवृत्ति के कारण रामोजी राव का बचपन में धर्म और स्वच्छता के प्रति झुकाव था। अकेले पुत्र होने के कारण उन्हें परिवार में बहुत लाड़-प्यार मिला। बड़ी बहन की शादी होने के कारण उनकी छोटी बहन रंगनायकम्मा के साथ अधिक सान्निध्य था। घर में माता को घर के कामों और रसोई में मदद करने की आदत भी थी। रामय्या नाम पसंद न आने के कारण प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश के समय उन्होंने अपना नाम बदलकर रामोजी राव रख लिया।
शिक्षा और व्यापारिक करियर
रामोजी राव ने अपनी शिक्षा गुदिवाडा में पूरी की और उसके बाद व्यापारिक क्षेत्र में प्रवेश किया और धीरे-धीरे प्रगति की। व्यापार में पहला कदम 1962 में मारगदर्शी चिटफंड की स्थापना के साथ रखा और विश्वसनीयता का प्रतीक बने। 1969 में उन्होंने अन्नदाता के माध्यम से मीडिया क्षेत्र में कदम रखा। बाद में 10 अगस्त 1974 को प्रारंभ हुए Eenadu दैनिक ने तेलुगु राज्यों में हलचल मचा दी। यह देश में पहली बार योगदानकर्ता प्रणाली को पेश करने वाला अखबार था।
फिल्म उद्योग में योगदान
रामोजी राव ने उषाकिरण मूवीज के माध्यम से फिल्म उद्योग में भी अपनी विशेष छाप छोड़ी। उन्होंने प्रतिघटन, मौनपोराटम, जजमेंट, मयूरी, कंचना गंगा जैसी कई उत्कृष्ट फिल्मों का निर्माण किया। मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 2016 में भारत सरकार ने दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया। रामोजी राव ने मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में अनगिनत पुरस्कार और अद्वितीय सफलताएं हासिल कीं।
गूगल ट्रेंड्स में रामोजी राव
एक साधारण किसान परिवार में जन्मे और उच्च शिखर तक पहुंचे रामोजी राव का निधन तेलुगु जनता को झकझोर गया। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोग उनके बारे में अधिक जानने के लिए उत्सुक हैं। इसी कारण रामोजी राव का नाम गूगल ट्रेंड्स में शीर्ष पर आ गया है। तेलुगु राज्यों के पड़ोसी राज्य कर्नाटक, ओडिशा और तमिलनाडु में भी रामोजी राव के बारे में गूगल पर काफी खोज की गई।
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